जब हम शब्दों की जादू से भरपूर दुनिया के द्वार खोलते हैं, तो हम आत्मविश्वास से भर जाते हैं कि ज्ञान का सफर कभी भी अंत नहीं होता। 8 सितंबर को पूरी दुनिया में मनाए जाने वाले “अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस””(International Literacy Day-2023)” के मौके पर, हम ज्ञान की महत्ता को जागरूकता के साथ मानते हैं और शिक्षा के महत्व को सबके साथ साझा करते हैं।
साक्षरता का महत्व हमारे समाज के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह न केवल एक व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देता है, बल्कि समृद्धि और सामाजिक परिवर्तन के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस दिन हम शिक्षा के महत्व को जागरूकता के साथ मानने और साक्षरता के महत्व को बढ़ावा देने का समय मनाते हैं।
इस साल के अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर, हम यह सोच सकते हैं कि हमारे समाज में शिक्षा की स्थिति क्या है और हम कैसे साक्षरता के क्षेत्र में नए कदम उठा सकते हैं। हमें यह भी सोचने का समय मिलता है कि कैसे हम वो व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन कर सकते हैं जो शिक्षा के माध्यम से संभव हैं।
इस दिन के मौके पर, हमें यह भी सोचने का मौका मिलता है कि शिक्षा के साथ-साथ हम कैसे विभिन्न आयु वर्गों के लोगों को साक्षरता की ओर प्रोत्साहित कर सकते हैं। क्या हम उन लोगों की मदद कर सकते हैं जो शिक्षा के बिना थे और अब भी शिक्षा प्राप्त करने के लिए इच्छुक हैं?
इस अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर, हम सम्पूर्ण मानवता के लिए शिक्षा के महत्व को समझते हैं और इसे बढ़ावा देने का संकल्प लेते हैं। ज्ञान की दुनिया को खोलने का यह मौका हमें यह सिखाता है कि हम सभी मिलकर समृद्धि और प्रगति की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर साक्षरता के पाँच महत्वपूर्ण बिंदु:
- व्यक्तिगत विकास में साक्षरता का महत्व: साक्षरता व्यक्तिगत विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह व्यक्तिगत आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है और व्यक्ति को समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।
- सामाजिक समृद्धि का आधार: साक्षरता समाज में सामाजिक समृद्धि की ओर पहला कदम होता है। यह समाज के सभी वर्गों के लोगों के लिए बराबरी का अवसर प्रदान करता है और उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से सुदृढ़ बनाता है।
- रोजगार के अवसर: साक्षरता का स्तर बढ़ने से लोगों के पास अधिक रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। यह उन्हें नौकरी प्राप्त करने और आर्थिक सुरक्षा में सुधार करने में मदद करता है।
- सामाजिक जागरूकता बढ़ाना: साक्षरता के माध्यम से लोग सामाजिक जागरूकता को बढ़ाते हैं और उन्हें समाज में उपयोगी सदस्य बनने के लिए सक्षम करते हैं।
- अशिक्षितता के खिलाफ लड़ाई: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के माध्यम से लोग अशिक्षितता के खिलाफ एक साथ आवाज उठाते हैं और शिक्षा के प्रति समर्पित होने का संकल्प लेते हैं।
- नवीनतम जनगणना आंकड़ों के आधार पर भारत की कुल साक्षरता दर 77% है, जिसमें पुरुषों के लिए साक्षरता दर 84.40% और महिलाओं के लिए 71.50% है। पढ़ने और लिखने की क्षमता साक्षरता की आधारशिला है, जबकि कौशल, ज्ञान, मूल्यों आदि का अधिग्रहण शिक्षा का सार है।
Literacy rates as %age of population by States and Union territories | |||||||
State or UT | Census 2011[4] | NSO survey (2017)[5] | |||||
Average | Male | Female | Average | Male | Female | ||
India | 74.04 | 82.14 | 65.46 | 77.7 | 84.7 | 70.3 | |
A&N islands[UT] | 86.63 | 90.27 | 82.43 | 86.27 | 90.11 | 81.84 | |
Andhra Pradesh[a] | 67.02 | 74.88 | 59.15 | 66.9 | 73.4 | 59.5 | |
Arunachal Pradesh | 65.38 | 72.55 | 57.70 | 66.95 | 73.4 | 59.50 | |
Assam | 72.19 | 77.85 | 66.27 | 85.9 | 90.1 | 81.2 | |
Bihar | 61.80 | 71.20 | 51.50 | 70.9 | 79.7 | 60.5 | |
Chhattisgarh | 70.28 | 80.27 | 60.24 | 77.3 | 85.4 | 68.8 | |
Chandigarh[UT] | 86.05 | 89.99 | 81.19 | 86.43 | 90.54 | 81.38 | |
Dadra and Nagar Haveli[UT] | 76.34 | 85.17 | 64.32 | 77.65 | 86.46 | 77.65 | |
Daman & Diu[UT] | 87.10 | 91.54 | 79.55 | 87.07 | 91.48 | 87.07 | |
Delhi[UT] | 86.21 | 90.94 | 80.76 | 88.70 | 82.40 | 93.70 | |
Goa | 88.70 | 92.65 | 84.66 | 87.4 | 92.81 | 81.84 | |
Gujarat | 78.03 | 85.75 | 69.68 | 82.4 | 89.5 | 74.8 | |
Haryana | 75.55 | 84.06 | 65.94 | 80.4 | 88.0 | 71.3 | |
Himachal Pradesh | 82.80 | 89.53 | 75.93 | 86.6 | 92.9 | 80.5 | |
Jammu and Kashmir | 67.16 | 76.75 | 56.43 | 77.3 | 85.7 | 68.0 | |
Jharkhand | 66.41 | 76.84 | 55.42 | 74.3 | 83.0 | 64.7 | |
Karnataka | 75.36 | 82.47 | 68.08 | 77.2 | 83.4 | 70.5 | |
Kerala | 94.00 | 96.11 | 91.07 | 96.2 | 97.4 | 95.2 | |
Lakshadweep[UT] | 91.85 | 95.56 | 87.95 | 92.28 | 96.11 | 88.25 | |
Madhya Pradesh | 69.32 | 78.73 | 59.24 | 73.7 | 81.2 | 65.5 | |
Maharashtra | 82.34 | 88.38 | 75.87 | 84.8 | 90.7 | 78.4 | |
Manipur | 76.94 | 83.58 | 70.26 | 79.85 | 86.49 | 73.17 | |
Meghalya | 74.43 | 75.95 | 72.89 | 75.48 | 77.17 | 73.78 | |
Mizoram | 91.33 | 93.35 | 89.27 | 91.58 | 93.72 | 89.40 | |
Nagaland | 79.55 | 82.75 | 76.11 | 80.11 | 83.29 | 80.11 | |
Odisha | 72.87 | 81.59 | 64.01 | 77.3 | 84.0 | 70.3 | |
Puducherry[UT] | 85.85 | 91.26 | 80.67 | 86.55 | 92.12 | 86.55 | |
Punjab | 75.84 | 80.44 | 70.73 | 83.7 | 88.5 | 78.5 | |
Rajasthan | 66.11 | 79.19 | 52.12 | 69.7 | 80.8 | 57.6 | |
Sikkim | 81.42 | 86.55 | 75.61 | 82.2 | 87.29 | 76.43 | |
Tamil Nadu | 80.09 | 86.77 | 73.44 | 82.9 | 87.9 | 77.9 | |
Telangana | – | 72.8 | 80.5 | 65.1 | |||
Tripura | 87.22 | 92.53 | 82.73 | 87.75 | 92.18 | 83.15 | |
Uttarakhand | 78.82 | 87.40 | 70.01 | 87.6 | 94.3 | 80.7 | |
Uttar Pradesh | 67.68 | 77.28 | 57.18 | 73.0 | 81.8 | 63.4 | |
West Bengal | 76.36 | 81.69 | 70.54 | 80.50 | 84.80 | 76.10 |
भारत में अशिक्षापन की दर को पार करने के लिए शीर्ष 5 बिंदुएँ”
- शिक्षा का महत्व बढ़ाना: अशिक्षापन की दर को कम करने के लिए, हमें शिक्षा के महत्व को समझाने और जनता को शिक्षा के प्रति समर्पित करने की दिशा में प्रोत्साहित करना होगा।
- विशेष रूप से महिला शिक्षा को बढ़ावा देना: महिला शिक्षा को प्राथमिकता देना और उन्हें समर्थन प्रदान करना अशिक्षापन की दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के अधिक स्रोत प्रदान करना: ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के अधिक स्रोत उपलब्ध कराने के लिए सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देना होगा।
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना: शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना महत्वपूर्ण है। शिक्षकों की प्रशिक्षण, शिक्षा सामग्री का प्राप्तकरण, और शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए उपाय किए जाने चाहिए।
- सामाजिक जागरूकता बढ़ाना: अशिक्षापन के खिलाफ लड़ाई में सामाजिक जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है। जनता को शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए सक्षम करना होगा।
सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक पांच वर्षों के दौरान कार्यान्वयन के लिए रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ एक नई केंद्र प्रायोजित योजना, अर्थात् “न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम” (NILP) शुरू की है। जिसमें से 1037.90 करोड़ रु. 700.00 करोड़ केन्द्रीय हिस्सा है और रु. 337.90 करोड़ राज्यांश है।
“अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस” के इस अवसर पर हमें याद दिलाना चाहिए कि शिक्षा एक ऐसा शक्तिशाली औजार है जो हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। अशिक्षा का अधिक से अधिक प्रसार करना और शिक्षा के स्तर को उच्च करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। शिक्षा हमारे समाज को और सशक्त बनाती है, हमारे सपनों को पूरा करने का माध्यम होती है, और एक बेहतर और ज्ञानमय दुनिया की ओर हमें बढ़ती है। इस “अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस” पर, हम सभी को शिक्षा के महत्व को सराहने और इसे बढ़ावा देने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि शिक्षा ही हमारे समृद्धि और समृद्धि की कुंजी है।